भगत सिंह का आज के पत्रकारिता को आईना- हर साल २८ सितम्बर फेसबुक , व्हाट्सअप और ट्विटर शहीद भगत सिंह के तस्वीर , कथन और विचारों क अंशो से भर जाता है और वजह रहती है उनकी जयंती का दिन पर दिन गुज़रते ही हम उस इंसान की सोच और प्राथमिकताओं को भी भुला देते है और फिर इंतज़ार रहता है अगले साल इसी दिन का। पर सच्चे मन से अगर सोचें तो क्या सच में हम शहीद भगत सिंह और उनके विचारों से परिचित रहे है ? क्या हम इस बात से अवगत है की उन्होंने बेम और पिस्तौल से ज्यादा कलम का इस्तमाल किया और क्यों किया ? इसका जवाब शायद " नहीं " हो। पर जानना ज़रूरी हैं। कम समय में जिए गए ज़िंदगी में पीढ़ी दर पीढ़ी के लिए बहुत सारे सीख को वो छोड़ गए पर उनमें से एक सीख युवा पीढ़ी को ज़रूर ज़हन में रखना चाहिए और वो है पत्रकारिता का सही महत्व। वो खुद एक ऐसे परिवार का हिस्सा थे जिन लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत की ईंट से ईंट बजा रखी थी। कुछ बरस ही बीते थे कि ...
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